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एन.ई.पी. की प्रथम वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी का सम्बोधन

                   प्रधानमंत्री मोदी का सम्बोधन       प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की घोषणा के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर के नीति निर्माताओं और हितधारकों को संबोधित किया।  प्रधानमंत्री ने अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सहित कई शैक्षिक पहल भी शुरू की।  प्रधानमंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति  के एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते एक वर्ष में देश के आप सभी महानुभावों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों, नीतिकारों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है। 2020 में लागू की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया। करीब 24 मिनट लंबे उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों के भारत से लेकर आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत का मंत्र साकार करने की दिशा में राष्ट्र...

DU Admission 2021 : जानें ज़रूरी बातें

दिल्ली यूनिवर्सिटी एडमिशन 2021 के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और मेरिट व एंट्रेंस बेस्ड एडमिशन, दोनों की फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण कुछ बदलाव किए गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में ग्रजुएशन के कोर्स में एमिशन प्रक्रिया दो अगस्त से शुरू हो रही है। यह 31 अगस्त को संपन्न होगी। जबकि पोस्ट ग्रजुएट कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया 26 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगी। इसकी घोषणा डीयू के एक्टिंग वाइस चांसलर प्रो. पीसी जोशी ने शनिवार को की। विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एडमिशन के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और मेरिट व एंट्रेंस बेस्ड एडमिशन, दोनों की फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अधिक जानकारी के लिए डीयू की वेबसाइट du.ac.in पर विजिट कर सकते हैं। डीयू के अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन रजिस्ट्रेशन कम एप्‍ल‍िकेशन फॉर्म के जरिए होगा। सभी कॉलेज और विभागों के लिए एक जैसा फॉर्म होगा।  पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म तो एक भरना होगा लेकिन एक से अधिक प्रोग्राम के लिए आवेदन करने पर फीस अलग-अलग जमा करनी...

उपराष्ट्रपति के बाद ट्विटर पर आरएसएस प्रमुख का ब्लू टिक बहाल किया गया

ट्विटर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के बाद उसे फिर से बहाल कर दिया है, इससे पहले बताया था कि भागवत के अलावा RSS के सुरेश सोनी, अरुण कुमार, सुरेश जोशी और कृष्ण कुमार के ट्विटर अकाउंट्स से भी ब्लू टिक हटा दिए गए थे। बता दें कि ट्विटर ने शनिवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट का सत्यापन वाला ब्लू टिक हटा दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि नायडू के अकाउंट से ब्लू टिक हटने के बारे में शनिवार सुबह पता चलने के बाद ट्विटर से संपर्क किया गया और इसके बाद ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया। ट्विटर ने कहा कि यह अकाउंट जुलाई 2020 से निष्क्रिय था और अब उसे सत्यापित करने वाले ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया है। उपराष्ट्रपति ट्वीट करने के लिए आधिकारिक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं सरकार से जुड़े सूत्रों ने नायडू के निजी अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के ट्विटर के कदम को अपमानजनक बताया उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्रियों अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के निधन के बाद लंबे समय तक उनके अकाउंट के वेरिफाइड रहने का भी जिक्र किया।   रिपोर्ट में ...

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप GOOGLE MEET हुआ ठप : यूज़र्स कर रहे हैं परेशानी का सामना

Google का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Google Meet भारत समेत कई देशों में ठप हो गया है। यूजर्स काफी समय से गूगल मीट ऐप का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। कई यूजर्स को लॉग इन करते समय समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यह जानकारी Downdetector से मिली है। Downdetector वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, Google Meet 5 जून को सुबह 6 बजकर 42 मिनट से ठप है। 63 प्रतिशत यूजर्स ऑनलाइन मीटिंग नहीं कर पा रहे हैं, जबकि 20 प्रतिशत यूजर्स को लॉग-इन करने और 15 प्रतिशत यूजर्स को ऑनलाइन मीटिंग स्टार्ट करने में परेशानी आ रही है। वहीं, कई यूजर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए गूगल से समस्या ठीक करने की अपील की है। तो दूसरी तरफ कईयों ने जूम ऐप का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। यूजर्स सुबह से ही गूगल मीट ऐप का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. इस टेक्निकल ग्लिच की वजह से कई बच्चों को ऑनलाइन क्लास और बड़ों को वीडियो मीटिंग्स में जुड़ने में परेशानी झेलनी पड़ रही है. गूगल मीट में यह परेशानी अचानक क्यों और कैसे आ गई, इस बारे में फिलहाल गूगल का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. बता दें कि Google ने पिछले महीने M...

मन्नू भंडारी की पहली कहानी : मैं हार गई

जब कवि सम्मेलन समाप्त हुआ तो सारा हॉल हंसी-कहकहों और तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था| शायद मैं एक ऐसी थी, जिसका रोम-रोम क्रोध से जल रहा था| उस सम्मेलन की अंतिम कविता थी 'बेटे का भविष्य'| उसका सारांश कुछ इस प्रकार था, एक पिता अपने बेटे के भविष्य का अनुमान लगाने के लिए उसके कमरे में एक अभिनेत्री की तस्वीर, एक शराब की बोतल और एक प्रति गीता की रख देता है और स्वयं छिपकर खड़ा हो जाता है| बेटा आता है और सबसे पहले अभिनेत्री की तस्वीर को उठाता है| उसकी बाछे खिल जाती हैं| बड़ी हसरत से उसे वह सीने से लगाता है, चूमता है और रख देता है| उसके बाद शराब की बोतल से दो-चार घूंट पीता है| थोड़ी देर बाद मुंह पर अत्यंत गंभीरता के भाव लाकर, बगल में गीता दबाए वह बाहर निकलता है| बाप बेटे की यह करतूत देखकर उसके भविष्य की घोषणा करता है, "यह साला तो आजकल का नेता बनेगा!" कवि महोदय ने यह पंक्ति पढ़ी ही थी कि हॉल के एक कोने से दूसरे कोने तक हंसी की लहर दौड़ गई| पर नेता की ऐसी फजीहत देकर मेरे तो तन-बदन में आग लग गई| साथ आए हुए मित्र ने व्यंग्य करते हुए कहा, "क्यों तुम्ह...

“मीडिया : सरोकार या कारोबार” विषय पर विश्व हिंदी संगठन, नई दिल्ली द्वारा वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

विश्व हिंदी संगठन ,नई दिल्ली जो कि हिंदी के लिए समर्पित एक संस्था है, राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस (30 मई) के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 30 मई 2021 को किया । इस प्रतियोगिता में पूरे भारत से 170 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। यह प्रतियोगिता दो स्तर पर कराई गयी। प्रथम चरण में कुल 145 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।  इस वाद-विवाद प्रतियोगिता  के पहले चरण का विषय “मीडिया:सरोकार या कारोबार” रखा गया, जिसके किसी एक पहलू पर प्रतिभागियों ने अपनी राय रखी। इसके बाद कुल 18 प्रतिभागी फ़ाइनल राउंड के लिए चुने गए।इसमें से प्रथम पुरस्कार के लिए मुशर्रफ परवेज़, दिल्ली व आदेश शिंदे,मध्य प्रदेश को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार के लिए अर्पित कटियार,उत्तर प्रदेश व देवांशी वाजपेयी,उत्तर प्रदेश को संयुक्त रूप से, तृतीय पुरस्कार स्वाति टण्डन, उत्तर प्रदेश व सांत्वना पुरस्कार के रूप में निकिता पांडेय,पश्चिम बंगाल सनिका राज,केरल को दिया गया। अंतिम चरण  में निर्णायक मंडल  के रूप में माउंट कार्मेल कॉलेज, बेंगलुरु की डॉ. कोयल  विश्व...

50 साल पहले हुआ था सबसे बड़ा बैंक घोटाला

संसद मार्ग पर स्टेट बैंक की बिल्डिंग गवाह है आधी सदी पहले 24 मई 1971 को हुए देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले की। उस दिन सुबह 10 बजे तक स्टेट बैंक के चीफ कैशियर वेद प्रकाश मल्होत्रा जी बैंक आ गए थे। उनके आने के कुछ समय बाद बैंक में 60 लाख रुपये का घोटाला हुआ। वो किसका फ़ोन था ? मल्होत्रा के पास करीब 11 बजे एक फ़ोन आया, दूसरी तरफ बोलने वाले ने खुद का नाम पीएन हक्सर बताया। उसने कहा की वह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का प्रधान सचिव बोल रहा है और बांग्लादेश के एक सीक्रेट मिशन के लिए फौरन 60 लाख रुपये चाहिए, इसके बाद उस शख्स ने कहा इंदिरा गांधी से बात कर लो। अब इंदिरा गांधी की आवाज़ में वही कहा गया जो पहले हक्सर कहे चुके थे। मल्होत्रा जी को निर्देश दिया गया कि 60 लाख रुपये उस शख्स को सौंप दें जो 'बांग्लादेश के बाबू' कोड वर्ड कहे। कहाँ दिए 60 लाख़ मल्होत्रा ने इस संक्षिप्त बातचीत के बाद अपने डिप्टी चीफ कैशियर आरसी बत्रा और अन्य कुछ स्टाफ को अपने पास बुलाया और उनसे 60 लाख रुपये के बंडल बनवाए। लिखित औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मल्होत्रा जी दफ्तर की कार से सरदार पटेल मार्ग गए, उनके साथ ...

दक्षिण कोरिया में हिंदी के विरुद्ध हो रही है साजिश, भारत विभाग में हिंदी की जगह कर दी अंग्रेजी

दक्षिण कोरिया (South Korea) के बुसान यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज(BUFS) में हिंदी के विरूद्ध साज़िश का मामला सामने आया हैl कुछ भारत-विरोधी व्यक्तियों के दबाव में प्रशासन ने अगले सेमेस्टर से भारत-विभाग की भाषा के रूप में हिंदी की जगह अंग्रेजी पढ़ाने का फ़ैसला किया हैl दलील दी गई है कि भारत में काम करने के लिए हिंदी आना जरूरी नहीं हैl BUFS के हिंदी प्रेमी छात्र और शिक्षक, प्रशासन द्वारा अचानक लिए गए इस फ़ैसले से स्तब्ध हैंl छात्रों ने लोकतांत्रिक तरीके से इस फैसले का विरोध करते हुए भारत विभाग के छात्रों के बीच जनमत सर्वेक्षण कराया है जिसमें भाग लेने वाले 102 छात्रों में से 86 अर्थात् 84.3% BUFS के निर्णय के विरोध में हैंl इसे यों कहें कि 84.3% जनमत हिन्दी के पक्ष में हैl लेकिन, भारत-विरोधी हावी हैंl यदि भारत सरकार ने यथाशीघ्र हस्तक्षेप नहीं किया तो भारतीय अस्मिता को भारी नुक़सान होगा और गंभीर दूरगामी परिणाम होंगेl  ग़ौरतलब है कि BUFS के भारत विभाग में पिछले सैंतीस सालों से हिंदी की पढ़ाई हो रही है और हर साल पैंतीस छात्र हिंदी पढ़ते रहे हैंl BUFS के हिन्दी शिक्षकों ने हिन्दी ...