ट्विटर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के बाद उसे फिर से बहाल कर दिया है, इससे पहले बताया था कि भागवत के अलावा RSS के सुरेश सोनी, अरुण कुमार, सुरेश जोशी और कृष्ण कुमार के ट्विटर अकाउंट्स से भी ब्लू टिक हटा दिए गए थे। बता दें कि ट्विटर ने शनिवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट का सत्यापन वाला ब्लू टिक हटा दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि नायडू के अकाउंट से ब्लू टिक हटने के बारे में शनिवार सुबह पता चलने के बाद ट्विटर से संपर्क किया गया और इसके बाद ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया। ट्विटर ने कहा कि यह अकाउंट जुलाई 2020 से निष्क्रिय था और अब उसे सत्यापित करने वाले ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया है। उपराष्ट्रपति ट्वीट करने के लिए आधिकारिक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं
सरकार से जुड़े सूत्रों ने नायडू के निजी अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के ट्विटर के कदम को अपमानजनक बताया उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्रियों अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के निधन के बाद लंबे समय तक उनके अकाउंट के वेरिफाइड रहने का भी जिक्र किया। रिपोर्ट में RSS से जुड़े एक सूत्र के हवाले से बताया गया है, ''ट्विटर का नियम कहता है कि अगर आपने पिछले 6 महीनों से लॉग इन नहीं किया है, तो अकाउंट को निष्क्रिय माना जाएगा और सत्यापन स्टेटस वापस ले लिया जाएगा RSS के इन सभी नेताओं ने कुछ वक्त से कुछ भी ट्वीट नहीं किया था उनके अकाउंट्स फर्जी अकाउंट्स से बचने के लिए बनाए गए थे''
ट्विटर के ये कदम ऐसे वक्त में सामने आए हैं, जब नए आईटी नियमों सहित कई मुद्दों को लेकर उसके और सरकार के बीच टकराव बढ़ा है।
सरकार ने ट्विटर को दिया ‘एक आखिरी मौका’
सरकार ने शनिवार को ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे तत्काल नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया है। सरकार की ओर से आगाह किया गया है कि अगर ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में नाकाम रहता है, तो वो आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट को गंवा देगा, साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। हालांकि, नोटिस में यह नहीं बताया गया है कि ट्विटर को इन नियमों का अनुपालन कब तक करना है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वो भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती। मंत्रालय ने कहा कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिए नियमों के अनुपालन का मौका दिया जाता है। बता दें कि सरकार ने 25 फरवरी को सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नए नियमों का ऐलान किया था। इसके तहत कंपनियों को किसी भी सामग्री पर प्राधिकरण की ओर से चिंता जताए जाने पर उसे 36 घंटे में हटाना होगा। साथ ही एक मजबूत शिकायत निपटान प्रणाली स्थापित करनी होगी। शिकायत निपटान अधिकारी देश में ही बैठेगा। प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नए नियमों को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।
रिपोर्ट ~ नीलाक्ष वत्स
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