प्रधानमंत्री ने अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सहित कई शैक्षिक पहल भी शुरू की।
प्रधानमंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते एक वर्ष में देश के आप सभी महानुभावों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों, नीतिकारों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है।
2020 में लागू की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया। करीब 24 मिनट लंबे उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों के भारत से लेकर आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत का मंत्र साकार करने की दिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर उल्लेखित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में जैसे - जैसे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अलग - अलग फीचर्स हकीकत में बदलेंगे, हमारा देश एक नए युग का साक्षात्कार करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि आठ राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, पांच भारतीय भाषाओं- हिंदी - तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं।
इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी विकसित किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार एक भाषा विषय का दर्जा प्रदान किया गया है। अब छात्र इसे एक भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे। इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को बहुत बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में पढ़ाई का प्रावधान बापू के सपनों को साकार करने की दिशा में एक और कदम है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पहली वर्षगांठ पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने-आपने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा। लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से स्टूडेंट्स भारत आएं, बेस्ट इंस्टीट्यूशन भारत आएं, ये अब हम देखने जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज बन रही संभावनाओं को साकार करने के लिए हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे होना पड़ेगा, एक कदम आगे का सोचना होगा। हेल्थ हो, डिफेंस हो, इंफ्रास्ट्रक्चर हो, टेक्नाेलॉजी हो, देश को हर दिशा में समर्थ और आत्मनिर्भर होना होगा।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है।
जिस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉन्च किया गया है, वह भी हमारे युवाओं को फ्यूचर ओरिएंटेड बनाएगा, एआई ड्र्रिवन इकोनॉमी के रास्ते खोलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्थाएं, अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है। इसलिए, उसे एक्सपोजर चाहिए, उसे पुराने बंधनों, पिंजरों से मुक्ति चाहिए। मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की जो व्यवस्था आज शुरू हुई है, इसने विद्यार्थियों को एक ही क्लास और एक ही कोर्स में जकड़े रहने की मजबूरी से मुक्त कर दिया है।
रिपोर्ट ~ नीलाक्ष वत्स
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