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गौरवपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार है 26 जनवरी, जानिए क्या है इस दिन की खासियत

आज 26 जनवरी है। कोरोना महामारी के कारण भले ही आज कोई विदेशी मेहमान हमारे इस राष्ट्रीय पर्व में शामिल नहीं हो रहे हैं फिर भी भारतीयों में इस राष्ट्रीय पर्व को लेकर अत्यंत उत्साह है। इस बार हमारे भारतीय वीरों के परेड को 25 हजार लोग देख पाएंगे जबकि पिछली बार इसे डेढ़ लाख लोगों ने देखा था। इस बार 96 सैन्य दस्ते और 32 झांकियों को ही लोग देख पाएंगे। इस बार कोरोना वैक्सीन की झांकी महत्त्वपूर्ण है।   इस दिन का भारतीय इतिहास में बहुत महत्व है, इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव तथा सम्मान से भी जोड़ा जाता है। भारत के तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है 26 जनवरी का दिन। यह वह दिन है जब भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में पूरे देश में काफी जोश और सम्मान के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि क्यों यह सभी भारतीयों के लिए राष्ट्रीय पर्व के त्योहार के साथ आत्मगौरव के दिन के रूप में महत्त्वपूर्ण है। जब 15 अगस्त,1947 ई. को भारत को अंग्रेजी शासन से मुक्ति मिली तब हमारे देश का कोई अपना संविधान नहीं था।अपना संविधान ना होने के कारण हम अपन...

इलेक्ट्राॅनिक मीडिया का नया दौर: वर्चुअल मीडिया एवं वर्चुअल रियालिटी

आ ज जमाना हाईटेक का है, कंप्यूटर का है, भूमंडलीकरण का है। भूमंडलीकरण की प्रक्रिया में नई-नई प्रेरणाएँ, परिकल्पनाएँ और विचारधाराएँ, देश, समाज तथा मनुष्य को आंदोलित कर रही हैं। विश्व-पटल पर फूटे उच्च प्रौद्यागिकी के स्रोत ने जहाँ ‘ग्लोबल विलेज’ (विश्वग्राम) की परिकल्पना को साकार किया है, वहीं मीडिया की संपूर्ण स्थिति भिन्न-भिन्न रूपों में, कई-कई स्तरों पर आज चुनौतियों से टकरा रही है। विशेष रूप से इलेक्ट्राॅनिक मीडिया के सर्वग्राही अतिक्रमण पर बहस चल पड़ी है। ‘इलेक्ट्राॅनिक मीडिया’ के शब्द प्रयोग से ही हमारे मानस-पटल पर इलेक्ट्राॅनिक जनसंचार अर्थात् रेडियो तथा टेलीविज़न का नाम सबसे पहले आता है। हाल के दशकों में अगर किसी संचार माध्यम ने भारतीय जनमानस को व्यापक स्तर पर प्रभावित किया है, तो वह यही माध्यम है।  इलेक्ट्राॅनिक मीडिया: प्रकार एवं स्वरूप भारतीय गणतंत्र ने अपने 71 वर्षों के सफर के दौरान सूचना और संचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। विशेष तौर पर, 1990 के दशक में शुरू हुए उदारीकरण के दौर में प्रवेश के बाद, तब से लेकर आज तक पिछले दो दशकों में भारत ने ...