Skip to main content

Posts

डीयू के कालिंदी कॉलेज में हुआ वार्षिक खेलोत्सव का आयोजन

दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज में खेल उत्सव का आयोजन किया गया । इस उत्सव की शुरुआत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इंटरनेशनल थ्रोअर श्रीमती सगुन यादव, विशिष्ट अतिथि के रूप में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर श्री बंटू सिंह और कॉलेज की प्राचार्या प्रो. मीना चारांदा के साथ अन्य गणमान्य सदस्यों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। तत्पश्चात कॉलेज की छात्राओं ने एरोबिक्स और योगा की प्रस्तुति से सबका मनमोह लिया। आज के इस कार्यक्रम में उन छात्राओं को पुरस्कृत किया गया जिन्होंने पूरे साल अपनी खेल प्रतिभा को दिखाने के साथ कई प्रतियोगिता को जीता था। छात्राओं के साथ साथ आज कॉलेज की शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए 'टग ऑफ वार' और म्यूजिकल चेयर' का भी आयोजन हुआ था जिसमें सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती सगुन यादव ने छात्राओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि अब जमाना आधी अबादी की है और अब केवल पढ़कर ही आगे नहीं जाया जा सकता अपितु खेल से भी आगे बढ़ा जा सकता है। बंटू सिंह ने कहा कि इस कॉलेज की छात्राओं में बेहतर प्रतिभा है और मुझे पूरा विश्वा
Recent posts

मुखर्जी नगर - सपनों से सच्चाई तक का सफर

ये मुखर्जीनगर हैं जनाब.... यहाँ आदमी नहीं सपने रहते हैं... सपने जो खुद ने देखे, परिवार ने देखे, पूरे गाँव ने देखे ... पता हैं यहाँ के कमरे अपने घर के बाथरुम से भी छोटे होते हैं.. ढाबे के खाने में जब तक मक्खी ना बैठे, तब तक शगुन नहीं होता ... किताबें, नोट्स, फोटोकॉपी और कुछ करे ना करे चश्मे के नम्बर जरुर बढ़ा देते हैं... भारत माता की खातिर कुछ करने की आरजू रखने वाले ये लोग अपनी माँ से ही दिनों तक बात नहीं करते.... ना कपड़ों की मेचिंग का पता, न खाने के स्वाद का ... किसी के बाल उड़ रहे हैं, तो किसी की कमर कमरा बन रही हैं... रात को सोते समय महबूबा की पिक देखने वाले ये लोग, साधारण इन्सान नहीं होते.. . पता है सबको मंजिल नहीं मिल सकती, फिर भी रोज खुद को मोटीवेट रखते है... घर वाले इन्हें घमंडी तो दोस्त नोटंकी बोलते हैं... पर सच में ये भी प्यार के भूखे हैं ... ये भी इन्सान ही हैं.. प्री, मेंस, और इन्टरव्यू की रेस में भागते इनके भी तो कोई अपने हैं... इनको भी सावन में अपने महबूब की याद सताती है... ये मुखर्जीनगर है जनाब.... यहाँ आदमी नहीं सपने रहते हैं......                               

भाजपा का संकल्प पत्र जारी, जाने हैट्रिक के लिए क्या है मोदी की नीति

लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। जीत की हैट्रिक के लिए बीजेपी ने इस बार कई बड़े वादे किए। विकसित भारत के संकल्प और मोदी की गारंटी के जरिए बीजेपी ने अपना विजन रखा। बीजेपी मुख्यालय में पीएम मोदी की मौजूदगी में मेनिफेस्टो लॉन्च किया गया। मोदी की गारंटी की झलक बीजेपी के संकल्प पत्र में भी दिखी। 2014 में बीजेपी ने सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया। 2019 में सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के साथ बीजेपी आगे बढ़ी। 2024 में बीजेपी का चुनाव प्रचार मोदी की गारंटी के साथ चल रहा है। - 2047 तक भारत विकसित देश बनाएंगे। - 3 करोड़ लखपति दीदी बनाएंगे। - मुफ्त राशन, पानी और गैस देंगे। - यूनिफॉर्म सिविल कोड लाएंगे। - भारत की सभी भाषाओं में उच्च शिक्षा पर जोर होगा। - कई वंदे भारत ट्रेनें चलाएंगे। - पेट्रोल आयात को कम करेंगे। - युवाओं को रोजगार पर जोर होगा। - नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू करेंगे। - मुफ्त राशन की योजना अगले 5 साल लागू रहेगी। - EV तकनीक बढ़ाने पर जोर होगा। - 70 साल के ऊपर के सारे बुजुर्ग आयुष्मान योजना के दायरे में होंगे. उन्हें 5 लाख तक

दिल्ली CM को हाईकोर्ट से झटका

शराब नीति मामले में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को मंगलवार (9 अप्रैल) को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ़्तारी को सही ठहराया है और साथ ही यह भी कहा है कि ईडी के पास केजरीवाल के ख़िलाफ़ पर्याय सबूत मौजूद हैं जो ये साबित करते हैं कि गोआ चुनाव के लिए पैसा भेजा गया था। इसके साथ ही कोर्ट ने CM की रिमांड का फैसला बरकरार रखा है। आम आदमी पार्टी इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है। संवैधानिक नैतिकता की फिक्र ना कि राजनैतिक नैतिकता की- कोर्ट ने कहा कि हमें संवैधानिक नैतिकता की फिक्र है ना कि राजनैतिक नैतिकता की। मौजूदा केस ना तो केंद्र सरकार और आदमी पार्टी के बीच है,यह केस ईडी और आम आदमी पार्टी के बीच का है और ईडी के पास हवाला ऑपरेटर्स और आप कैंडिडेट्स के बयान हैं। हाईकोर्ट का फैसला-   हाईकोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी पूरी तरह से वैध है। केजरीवाल की दलील-  ईडी के पास कोई सबूत नही है कि अरविंद केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे। ईडी की दलील-   कोई अपराधी यह नहीं कह सकता है कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता क्योंकि अभी चुनाव हैं । हम अंधेरे में तीर

क्यों छोड़ रहे हैं भारतीय अपनी नागरिकता

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ता हमारा। फिर ऐसा क्या हुआ कि लोग छोड़ रहे है नागरिकता। बीते कुछ वषोॅ मे लाखों कि संख्या मे लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है। जिस पर विदेश मंत्री ने बताया की इस बात की जानकारी सरकार को है। साथ ही उन्होंने बताया कि( 2011 मे 1 लाख 22 हजार 819) 2012 में (1 लाख 20 हजार 923) 2013 में (1लाख 31 हजार 405) 2014 मे (1 लाख 29 हजार 328) 2015 मे (1 लाख 31 हजार 489) 2016 मे (1 लाख 41 हजार 603) 2017 मे (1 लाख 33 हजार 49) लोगो ने भारत की नागरिकता छोड़ दी। क्यों भारत की नागरिकता छोड़ रहे है लोग? मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जानकार इसके कई कारण बताते है उनका मानना है कि जीवन की गुणवत्ता, बेहतर शिक्षा, अच्छी स्वस्थ व्यवस्था, साफ हवा, रोजगार के अवसर इसके अलावा अन्य देशों कि तरह भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है। ऐसे में विदेशी नागरिकता हासिल करने वाले भारतीय को औपचारिक रूप से भारत की नागरिकता छोडनी पडती है। जिस पर विपक्ष का

राजस्थान की सबसे हॉट सीट बनी बाड़मेर - जैसलमेर

अप्रैल का महीना चल रहा है पूरे देश में तापमान और सियासी पारा दोनों दिन ब दिन बढ़ रहा है राजस्थान एक ऐसा राज्य जो कुख्यात है अपनी प्रचंड गर्मी के लिए फिलवक्त हम बात करेंगे वहां के सियासी पारे की जो की अपने चरम पे है ।        राजस्थान के पश्चिमी में हिस्से में सीमा से सटे हुए जिले हैं बाड़मेर और जैसलमेर जो की एक ही लोकसभा सीट में आते हैं । यहां वो सभी तत्व उपलब्ध हैं जिनके लिए राजस्थान कुख्यात, प्रख्यात है मसलन रेत के धोरे, भीषण गर्मी , राजे रजवाड़े , महल तिवारे, ऊंट, मारवाड़ी पगड़ियां , हुकुम सा की बोली , अमल की मनुहार , पानी की कमी , .. इत्यादि इत्यादि । ये कहानी का एक पहलू है।                                  दूसरे पहलू के लिए हमको थोड़ा फ्लैशबैक में चलना पड़ेगा , साल था 2019 का जोधपुर के जयनारायण विश्वविधालय में छात्र संघ के चुनाव चल रहे थे बाड़मेर जिले की शिव तहसील का एक राजपूत युवा एबीवीपी से जोर शोर से चुनाव की तैयारी कर रहा था और अपने टिकट को लेके आश्वस्त था लेकिन ऐन वक्त पर उसके साथ खेला हो गया और उसका टिकट कट गया ।  आनन फानन में राजपूतों के 3 नंबर होस्टल में मीटिंग