मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पंडित मदनमोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन, शिक्षण अध्ययन केंद्र, रामानुजन कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज,दिल्ली विश्वविद्यालय,आरमापुर पी.जी. कॉलेज, कानपुर और माउंट कार्मेल कॉलेज, बेंगलुरु के संयुक्त तत्वावधान में पाक्षिक संकाय समवर्धन कार्यक्रम के तीसरे दिन के द्वितीय सत्र में रामानुजन महाविद्यालय के हिंदी विभाग के डाॅ. आलोक रंजन पांडेय ने अपने वक्तव्य से सबको प्रभावित किया। उन्होंने 'तकनीक का हिंदी में व्यावहारिक प्रयोग' पर प्रयोगात्मक व्याख्यान दिया । उन्होंने तकनीक का महत्व बताते हुए अध्ययन - अध्यापन में इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहि कि आज हम जिस परिवेश में जी रहे हैं उसमें ज्ञान के साथ तकनीकी के सामंजस्य से यदि हम अपने विद्यार्थियों को शिक्षा मनोरंजक तरीके से दें तो न केवल उन्हें अपने विषय के प्रति अभिरुचि बढ़ेगी अपितु वे अपना ध्यान भी शिक्षा की ओर लगाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि अब नए तकनीक के माध्यम से न केवल सूचनाओं को एक दूसरे के पास यथाशीघ्र भेज सकते हैं अपितु अपने हिसाब से परिवर्तित भी कर सकते हैं, उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह बोल कर हम टाइप कर सकते हैं।
कार्यक्रम के सत्र में प्रसिद्ध सिने अभिनेता और साहित्यविद् अखिलेंद्र मिश्र जी ने अपने अद्भुत व्याख्यान से सबको सम्मोहित कर लिया। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में भाषा, साहित्य और दर्शन विषय पर ओजपूर्ण एवं सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया । उन्होंने साहित्य का अर्थ बताते हुए उसे मानव जीवन से जोड़ा, उनके अनुसार साहित्य ही जीवन का रस है । उन्होंने कहा कि व्यक्ति को साहित्य जानने की आवश्यकता है। उन्होंने साहित्य के भौतिक रूप के साथ - साथ आतंरिक रूप को भी स्पष्ट किया। उन्होंने मनुष्य की संरचना पर बात करते हुए मानव मन को अध्यात्म से जोड़ने की ओर प्रेरित किया । उन्होंने दर्शन की परिभाषा देते हुए उसकी जरूरत को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि जीवन विलय नहीं लय है, जीवन को संगीत मानकर रहेंगे तो सारी समस्याएं खुद ब खुद समाप्त हो जाएंगी।अपनी सहज भाषा में उन्होंने साहित्य, भाषा और दर्शन को एक नई दृष्टि प्रदान की।
बहुत अच्छा सत्र रहा।इसके आयोजन के लिए आयोजनकर्ता को ढेर सारी बधाई
ReplyDeleteAlong with being a good actor, there was very little meeting with a good speaker and with it a lot of informative information. The conversation happens.
ReplyDeleteThank you sir
Dr. Ramji Dubedi डॉ रामजी द्विवेदी
Assistant Professor of History
L.N.M.S College Birpur Supaul Bihar
बहुत सारगर्भित व्याख्यान,, अद्भुत जोशीला ,,सटीक जानकारी के साथ अति ज्ञानोपयोगी,,सर का साधुवाद की बहुत अच्छी जानकारी से लाभान्वित किया।
ReplyDeleteडॉ अरविंद कुमार जोशी
FDP48
जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर
निश्चित रूप से आज की शिक्षा छात्र केंद्रित ही होनी चाहिए इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता
ReplyDeleteजहां तक साहित्य का विषय है हमेशा से ही साहित्य व्यक्ति के अंतर्मन को बाह्य पटेल पर लाता है
Excellent Talk. It was very inspiring.
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