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इंडिया आउट कैंपेन का भारत बांग्लादेश संबंधों पर प्रभाव



मालदीव के तर्ज पर ही हाल के दिनों में बांग्लादेश के मुख्य विपक्षी पार्टी की प्रमुख ख़ालिदा जिया द्वारा India out और bycott India जैसे भारत विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। जिस प्रकार से मालदीव में मुइज्जू ने भारत विरोधी अभियान चलाकर मालदीव के चुनावों में जीत हासिल की ख़ालिदा जिया भी उसी प्रकार बांग्लादेश में अपना वर्चस्व बनाना चाहती है, हालाँकि उनके सामने शेख़ हसीना के रूप में एक सशक्त और मज़बूत नेतृत्व कर्ता है जोकि पिछले चार बार से बांग्लादेश का नेतृत्व कर रही है और उनके नेतृत्व में भारत और बांग्लादेश परस्पर सह अस्तित्व की भावना के साथ विकास के राह पर अग्रसर है इसी क्रम में इस दौर को भारत और बांग्लादेश के संबंधों का स्वर्णकाल भी कहा जा रहा है । पिछले कुछ वर्षों में भारत और बांग्लादेश ने अपने संबंधों को और बेहतर करते हुए कई सारे ऐतिहासिक समझौते किए हैं जिसके उदाहरण के तौर पर हम लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट को देख सकते हैं जोकि वर्ष 2015 में किया गया था, जब भारत की संसद में 119 वां संविधान संशोधन पारित करके एनक्लेव स्वैपिंग की गई थी। 



वस्तुतः ख़ालिदा जिया को प्रो चाइना माना जाता रहा है अतः उनका यह विरोध स्वाभाविक है। हालाँकि बांग्लादेश में अब भी भारत समर्थक सरकार है जिस वजह से कि इंडिया आउट कैंपेन का कोई ख़ास असर भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर नहीं पड़ेगा, इसी क्रम में हाल के वर्षों में भारत अपने नेवर्ष फ़र्स्ट पॉलिसी के तहत बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यान्मार और भूटान जैसे पड़ोसी देशों की मदद करता आ रहा है यही वजह है कि ये देश भी भारत को अपने सुरक्षा प्रदायक और मित्र राष्ट्र के रूप में वरीयता देते हैं l 



हालांकि बहुत सी ताकतें भारत और बांग्लादेश के संबंधों को खराब करने की कोशिश में लगी हैं क्योंकि भारत और बांग्लादेश के संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व सुधार आया है । ऐसा देखा गया है कि शेख हसीना की सरकार ने भारत के साथ विकास साझेदारी को बढ़ावा दिया है । पूर्वोत्तर भारत में कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए भारत और बांग्लादेश ने मिलकर कई प्रोजेक्ट्स पर काम करने शुरू किए हैं । इसमें रेलवे प्रोजेक्ट, रोड कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट, भारत और बांग्लादेश के बीच बसों का आगमन , फेनी ब्रिज का शुभारंभ आदि शामिल है । इसके अलावा भारत और बांग्लादेश के बीच में तीस्ता और फेनी नदियों के जल के विवाद के समाधान के लिए भी प्रयास को तेज किया गया है।  




अगर दोनों देशों के आर्थिक संबंधों की बात करें तो बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत के सबसे बड़े व्यापार भागीदार के रूप में उभरा है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में लगभग 16 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। हालाँकि वर्ष 2022-23 में कोविड-19 महामारी एवं रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान व्यापार में गिरावट आई थी।

                           ~ Ayush Mishra

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