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डीयू प्रशासन के मनमानी के खिलाफ एएडीटीए ने किया 12 घंटे का भूख हड़ताल



दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के मनमानी रवैए के ख़िलाफ़ आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय शिक्षक विंग एएडीटीए ने दिल्ली विश्वविद्यालय में सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक भूख हड़ताल किया।यह धरना दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में आयोजित हुआ।धरने में आए हुए लोगों में पहले महात्मा गाँधी,भगत सिंह व भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। एएडीटीए के राष्ट्रीय प्रभारी व डूटा के पूर्व अध्यक्ष डॉ आदित्य नारायण मिश्र ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 महाविद्यालय में गवर्निंग बॉडी का गठन होना चाहिए।इस हेतु दिल्ली सरकार ने नाम विश्वविद्यालय प्रशासन को भेज दिया है।इन महाविद्यालयों में बिना गवर्निंग बॉडी के गठन के पदों के लिए साक्षात्कार भी कराया जा रहा जो कि ग़लत है।


इस संदर्भ में उपमुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार ने कुलपति को पत्र भी लिखा लेकिन उसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया।दूसरा महत्वपूर्ण विषय विभिन्न कॉलेज में पढ़ा रहे एडहॉक शिक्षकों के विस्थापन से जुड़ा है।वर्षों से पढ़ा रहे एडहॉक शिक्षकों को बाहर निकाला जा रहा है।जिसने वर्षों अपनी मेहनत से कॉलेज में शिक्षण कार्य किया,उसे अचानक बाहर कर दिया जाना दुःखद है।इसलिए समायोजन की माँग को एकमात्र विकल्प के रूप में देखा जाना चाहिए।


धरने में दिल्ली विश्वविद्यालय, आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज के गवर्निंग बॉडी के पूर्व चेयरमैन श्री अनिल सैनी जी के नेतृत्व में 10 अन्य महाविद्यालय के गवर्निंग बॉडी के पूर्व चेयरमैन भी इस भूख हड़ताल मे शामिल हुए । श्री सैनी ने कहा कि गवर्निंग बॉडी न बनाया जाना एक ख़ास हित से प्रेरित है।इसके पीछे राजनीति शामिल है।इस राजनीति से शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं।हमें इस मुश्किल समय में ऐसे प्रतिरोध को जारी रखना होगा। एकेडमिक काउंसिल के मेंबर डॉ. आलोक रंजन पांडेय ने बताया की डीयू प्रशासन की तानाशाही के खिलाफ हम निरंतर संघर्ष करेंगे और वे जिसतरह से नियमों को ताक में रखकर काम करना चाह रहे हैं, उसे कतई नहीं होने देंगे।


इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय की ईसी मेंबर डॉ सीमा दास, डॉ . राजपाल सिंह पंवार, डॉ. जे.एल. गुप्ता; एकेडमिक काउंसिल के डॉ. आलोक रंजन पांडेय, डॉ सी एम नेगी, डॉ.राम किशोर यादव, डॉ. ममता चौधरी, डॉ .सुनील कुमार , डॉ. नरेंद्र पांडेय, डॉ. प्रेमचंद, डॉ. देवनंदन कुमार, डॉ. टी.एन. ओझा, आनंद प्रकाश के अतिरिक्त सैकड़ों की संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षक इस भूख हड़ताल में उपस्थित रहे।

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