रामानुजन कॉलेज के छात्रों ने आज ऑनलाइन योग किया।इस महामारी के समय में छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता के साथ साथ अधिकाधिक समय घर में कैद रहने से उनकी सेहत पर भी खासा असर पड़ा है। लॉकडाउन के चलते टहलने के स्थानों पर जाने की पाबंदी और जिम आदि के बंद होने से यह असर पड़ना स्वाभाविक है।
जिस प्रकार इस समय ऑनलाइन कक्षाएं पढ़ाई में कारगर साबित हो रही हैं । उसी तरह घर में रहकर भी सेहतमंद रहने का एक सर्वश्रेष्ठ आयाम "योग" बन रहा है।अन्य कलाओं की भांति योग को भी एक कला कहा जा सकता है जिसे सीखना और निरंतर अभ्यास से निखारना पड़ता है।
इन्हीं सब बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए रामानुजन महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई और भारतीय योग संस्थान (दिल्ली) के संयुक्त तत्वाधान में 1 जून मंगलवार को सुबह 7:00 बजे ऑनलाइन योग सत्र का आयोजन किया गया। जिसकी थीम "करो योग, रहो निरोग" रखी गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और बतौर योगा शिक्षक भारतीय योग संस्थान की ओर से योगाचार्य श्री प्रमोद भारद्वाज जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा । महाविद्यालय प्राचार्य श्री एस.पी अग्रवाल और एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर श्री आलोक रंजन पाण्डेय तथा अन्य शिक्षक भी साथ जुड़े। कार्यक्रम को छात्रों के इतर अन्य बाहरी योग सीखने के इच्छुक लोगों हेतु भी खुला रखा गया था । इसलिए छात्रों और शिक्षकों के साथ-साथ अन्य लोग भी खासी संख्या में उपस्थित रहे ।
सत्र का शुभारंभ प्रमोद भारद्वाज जी के शिष्य सुधांशु द्वारा मीठी मनमोहक धुन में बांसुरी वादन से हुआ ।तत्पश्चात प्राचार्य महोदय द्वारा अतिथियों के स्वागत सम्मान में संक्षिप्त वक्तव्य दिया गया ।
तदुपरांत लगभग अगले 2 घंटे तक सब ने योगाचार्य जी के साथ योगाभ्यास किया । जिसमें सरल रूप से नोसिखियों का ध्यान रखते हुए प्रमुख आसनों ,प्राणायाम और ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया इत्यादि का अभ्यास किया गया । विश्व दूध दिवस होने के अवसर पर आज योग करने के बाद सभी छात्रों ने दुध पीकर यह शपथ लिया कि हम प्रतिदिन दूध का सेवन करेंगे।राष्ट्रीय सेवा योजना,रामानुजन कॉलेज के प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. आलोक रंजन पांडेय ने योग के महत्व को बताते हुए कहा कि हम सबको सुबह या शाम में योग करना चाहिए।योग से ही हम निरोग रह सकते हैं।अंत में सभी का धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम ऐसे प्रोग्राम निरंतर करते रहेंगे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में तरसेम ,अंकित ,तान्या, रूपेश ,सृजन, अविका, निशांत, कृतांक और पूरी एनएसएस टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।
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