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डुटा ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से विवेकानंद कॉलेज के 12 साथियों की पुनर्नियुक्ति के लिए न्याय मांगा


दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने आज सोमवार, 7जून को विवेकानंद कॉलेज में एडहॉक साथियों की ज्वाइनिंग और वहां की कार्यवाहक प्राचार्या को हटाने को लेकर दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से न्याय मांगते हुए एक ऑनलाइन धरना रखा था।कोरोना की महामारी के कारण शिक्षकों ने अपने-अपने घर पर सुबह 9 बजे से सायं 4 बजे तक  हाथों में विवेकानंद कॉलेज के  12 एडहॉक साथियों की ज्वाइनिंग और प्राचार्या को हटाने का पोस्टर लेकर बैठे थे सभी ने उसे सोशल मीडिया पर साझा भी किया।साथ ही 11 से 1 के बीच में सैकड़ों साथियों ने जूम पर एकत्रित हो विवेकानंद के प्राचार्या की  अमानवीयता की कड़ी भर्त्सना करते हुए कॉलेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष से प्राचार्या को हटाने की मांग की।

डूटा उपाध्यक्ष डॉ. आलोक रंजन पांडेय ने  बताया की विवेकानंद कॉलेज  जो कि दिल्ली सरकार आंशिक अनुदान से चलने वाला महाविद्यालय हैं, जहां के चेयरमैन भी दिल्ली सरकार से नामित व्यक्ति हैं को यथाशीघ्र इन 12 साथियों को ज्वाइनिंग कराने की व्यवस्था करनी चाहिए। जैसा कि 20 मई 2021 को  हुई कॉलेज की गवर्निंग बॉडी की बैठक में एक प्राचार्या को छोड़कर सभी सदस्यों ने एकमत से उनकी ज्वाइनिंग कराने का फैसला लिया था। इस फैसले के लगभग दो सप्ताह बाद भी अभी तक उसपर कुछ कार्रवाई नहीं हुई है, जो चेयरमैन की नीयत पर सवाल उठाता है। ऐसा कैसे हो सकता है एक अकेली प्राचार्या उन 12 साथियों को ज्वाइनिंग न होने दे। इसी कारण हमने  अब सीधा दिल्ली सरकार के मुखिया व मुख्यमंत्री से न्याय की मांग की है। हम दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद  केजरीवाल  से मानवीयता और 5 दिसंबर 2019 के एमएचआरडी के रिकॉर्ड ऑफ डिस्कशन के आधार पर जिसमें यह कहा गया है कि जबतक स्थायी नियुक्ति न हो जाए तब तक किसी भी एडहॉक शिक्षक को नहीं हटाया जा सकता है के आधार पर मुख्यमंत्री जी को इसमें हस्तक्षेप कर 12 साथियों की ज्वाइनिंग के लिए चेयरमैन को निर्देश देना चाहिए। डुटा के संयुक्त सचिव डॉ. प्रेमचंद ने 12 साथियों की ज्वाइनिंग के साथ-साथ तानाशाह प्राचार्या को हटाने के लिए मुख्यमंत्री के माध्यम से विवेकानंद कॉलेज के चेयरमैन से मांग की। उन्होंने कहा कि इस महामारी में किसी भी शिक्षक को हटाना अमानवीयता है जबकि इन 12 शिक्षकों में से कुछ साथी कोरोना के भी शिकार हुए हैं।

 यदि दिल्ली सरकार के सीएम न्याय नहीं देते हैं तो मजबूरन हम शिक्षकों को अपनी अस्मिता को बचाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा। आज के इस हल्ला बोल धरने में डुटा अध्यक्ष राजीब रे, पूर्व डुटा अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्र, डुटा सचिव राजिंदर सिंह, डुटा कोषाध्यक्ष आभा देव के साथ-साथ राजेश झा, अमित सिंह, आनंद प्रकाश, नीरज मिश्रा, अंजू जैन, राहुल कुमार ,सुनील शर्मा, वी एस दीक्षित, रविकांत, हंसराज सुमन, मनोज कुमार, अनिल शर्मा, हिमांशु सिंह , अभिषेक जायसवाल, महेंद्र मीणा,नंदिता नारायण,अश्विनी शंकर, प्रमोद द्विवेदी, अवधेश कुमार साह आदि ने हिस्सा लिया।

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