दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने आज शुक्रवार, 18 जून को विवेकानंद कॉलेज में 12 एडहॉक साथियों की ज्वाइनिंग और वहां की कार्यवाहक प्राचार्या को हटाने को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक पर 11 बजे से सभी निर्वाचित साथियों के साथ सशरीर धरना स्थल पर पहुंच कर विवेकानंद कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
साथ ही सभी शिक्षक डीयू कुलपति से भी न्याय मांगा। जहां निर्वाचित सदस्य सशरीर वीसी ऑफिस के गेट नंबर 1 पर थे वहीं डुटा के अन्य साथी अपने घर पर ही हाथों में पोस्टर ले 12 साथियों के लिए न्याय मांग रहे थे। सभी शिक्षक साथियों को डुटा ने कोरोना महामारी को देखते हुए नहीं बुलाया थे।
डुटा के साथी आंदोलन कर ही रहे थे तभी डीयू के वीसी प्रो. पी.सी.जोशी धरना दे रहे शिक्षकों से मिलने आए और उन्होंने हमसे निवेदन किया कि हम अपना धरना समाप्त कर ले साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि हम विवेकानंद कॉलेज की प्राचार्या से बात कर इन 12 साथियों की ज्वाइनिंग सुनिश्चित कराएंगे। वीसी के आश्वासन के बाद लगभग दोपहर 12.20 में डुटा ने अपना धरना हटा लिया। डुटा उपाध्यक्ष डॉ. आलोक रंजन पांडेय ने बताया कि हम वीसी द्वारा विवेकानंद कॉलेज में पढ़ा रहे 12 तदर्थ साथियों के ज्वाइनिंग के आश्वासन और उनके निवेदन को स्वीकार करते हुए हमने अपना धरना खत्म कर लिया, लेकिन यदि जल्द ही 12 साथियों की ज्वाइनिंग और वहां की तानाशाही प्राचार्या को नहीं हटाया गया तो हम पुनः प्रर्दशन करने पर मजबूर होंगे।
उन्होंने आगे कहा की विवेकानंद कॉलेज का प्रशासन बिल्कुल अमानवीय हो गया है। शांतिपूर्ण ढंग से विवेकानंद कॉलेज में अपनी मांग को लेकर धरना दे रहे साथियों के साथ जिसतरह से व्यवहार वहां की प्राचार्या के दबाव में पुलिस ने किया वह अशोभनीय था। डुटा ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. प्रेमचंद ने कहा कि हम वीसी के आज के कृत्य का स्वागत करते हैं लेकिन उन्हें यह काम बहुत पहले करना चाहिए था जिससे वहां पढ़ा रहे 12 साथियों को मानसिक पीड़ा से नहीं गुजरना पड़ता जबकी उसमें से कुछ साथी कोरोनावायरस से भी ग्रसित थे।
आज के इस धरना में डुटा अध्यक्ष राजीब रे, पूर्व डुटा अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा, डुटा सचिव राजिंदर सिंह, डुटा कोषाध्यक्ष आभा देव,एसी मेंबर सुनील शर्मा,डुटा कार्यकारिणी के सदस्य -अमित सिंह,अंजू जैन, लूके खन्ना, रविकांत, विश्वजीत मोहंती, उदयवीर सिंह आदि ने भाग लिया।
Comments
Post a Comment