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सोने 22% की गिरावट के साथ 11 महीनों के निचले स्तर पर, जानिए अभी और कितना होगा सस्ता


सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। अब सोने के दाम लगभग 11 महीने के निचले पर स्तर आ चुके हैं। सोने ने पिछले साल अगस्त में 57,000 के उच्चतम स्तर को छुआ था, लेकिन अब सोना 22 फीसदी की गिरावट के साथ 12,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो चुका है। ऐसे में सवाल ये है कि अभी सोना और गिरेगा या अब इसमें तेजी देखने को मिलेगी। एक्सपर्ट का कहना है कि वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण में सुधार के कारण सोने की कीमतों में कमी आई है।

एक्सपर्ट का मानना ​​है कि सोने की कीमतों का कमजोर होना शायद लंबे समय के लिए ना हो। डॉलर में कमजोरी, बढ़ती मुद्रास्फीति के दबाव और मौद्रिक विस्तार का सोने की कीमत पर सीधा असर पड़ा है।

एनालिस्ट मान रहे हैं कि सोने में अभी और गिरावट आएगी। माना जा रहा है कि सोना 1500 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकता है, जिसके बाद इसमें स्थिरता दिखेगी। यानी इस हिसाब से भारतीय रुपयों में देखा जाए तो सोना 40000 हजार से नीचे आ सकता है।

इसलिए कम हो रहे सोने के दाम
क्वांटम म्यूचुअल फंड के सीनियर फंड मैनेजर चिराग मेहता का कहना है कि अतिरिक्त खर्च के कारण वास्तविक अर्थव्यवस्था में अधिक पैसा फंसने के साथ, मजबूत बाजार मुद्रास्फीति की उम्मीद और डॉलर के डाउनट्रेंड के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आने वाले हफ्तों में गोल्ड की कीमत में कुछ सकारात्मकता देखी जा सकती है।
दुनिया भर के निवेशक अमेरिकी बॉन्ड में भारी निवेश करते हैं। बॉन्ड यील्ड आकर्षक होने के कारण गोल्ड में बड़े निवेशक निवेश कर रहे हैं। इसलिए इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड में निवेश घटा है और यही इसकी कीमतें कम होने की भी बड़ी वजह है। इसके अलावा डॉलर की मजबूती ने भी गोल्ड की मांग घटाई है। क्योंकि दूसरी करेंसी धारकों के लिए डॉलर में गोल्ड खरीदना महंगा पड़ता है।

निवेश करें या ना?

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल AMC के प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रेटेजी हेड चिंतन हरिया कहते हैं, निवेशक के सोने में निवेश करने का ये अच्छा समय है। पिछले साल भी सोने का रिटर्न करीब 25 फीसदी रहा था। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं तो सोना अभी भी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित और अच्छा विकल्प है, जिसमें शानदार रिटर्न मिलता है। हालांकि, विशेषज्ञ मान रहे हैं कि सोना 40 हजार के लेवल के नीचे भी जा सकता है, तो आप कुछ दिन और रुक सकते हैं।

(लेखक - नीलाक्ष वत्स)

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