मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पंडित मदन मोहन मालवीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन के तहत रामानुजन महाविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला महाविद्यालय,दिल्ली विश्वविद्यालय,अर्मापुर पी.जी.कॉलेज कानपुर एवं माउंट कार्मल कॉलेज बैंगलोर के संयुक्त तत्वावधान में 26 दिसंबर 2020 से 9 जनवरी 2021 तक चलने वाले द्वि साप्ताहिक संकाय संवर्धन कार्यक्रम का 9 जनवरी को समापन हुआ ।
समापन सत्र के प्रारंभ में श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.साधना शर्मा ने स्वागत वक्तव्य देते हुए सभी अतिथियों,प्रतिभागियों व कार्यक्रम के संयोजक मंडल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इस तरीक़े के संकाय संवर्धन कार्यक्रमों की महती आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोगों की आज आवश्यकता है।मदन मोहन मालवीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन के निदेशक एवं रामानुजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एस.पी. अग्रवाल ने कहा कि आप सभी ने यहाँ जो सीखा है,उसका अपनी कक्षा में बेहतर उपयोग करें। यदि यह कार्य हो जाता है तो इस कार्यक्रम की सफलता है। उन्होंने पैडागोज़ी की महत्ता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय तकनीकी का समय है और शिक्षण में हमें तकनीकी को शामिल करना ही चाहिए।उन्होंने टीम वर्क की महत्ता पर भी बल दिया।
इसके पश्चात कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. कोयल विश्वास एवं डॉ.गरिमा जैन ने द्विसाप्ताहिक संकाय संवर्धन कार्यक्रम के अंतर्गत हुए विभिन्न सत्रों की क्रमवार रिपोर्ट प्रस्तुत की। अर्मापुर पी.जी.कॉलेज की प्राचार्या डॉ.गायत्री सिंह ने कहा यदि आपको अच्छे समाज की आवश्यकता है तो उसके लिए आपको अच्छे शिक्षक चाहिए। इस तरीक़े के कार्यक्रम शिक्षक के मनोबल एवं उनकी गुणवत्ता को बढ़ाने में हमेशा मददगार होते हैं।उन्होंने कहा कि एक पेशे के रूप में शिक्षण वरदान है और हमें इस वरदान का अधिकाधिक लाभ लेना चाहिए। इसके पश्चात कार्यक्रम के संयोजक डॉ.आलोक रंजन पांडेय ने इस कार्यक्रम में शामिल विभिन्न प्रतिभागियों को आमंत्रित कर उन्हें मौक़ा दिया कि वे इस कार्यक्रम के अनुभव साझा करें,साथ ही यदि कोई सुझाव उनके द्वारा दिए जा रहे हैं तो उनका भी उन्होंने स्वागत किया। इस क्रम में विभिन्न प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम की महत्ता एवं उनको हुए इससे लाभ के अपने अनुभव साझा किए।
विशिष्ट अतिथि के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर प्रकाश नारायण को आमंत्रित किया गया था जिन्होंने बहुत ही संक्षिप्त में बताया कि इस तरीक़े के कार्यक्रम शिक्षण को मज़बूत बनाने में कैसे सहायक सिद्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाषा, साहित्य, संस्कृति, समाज, दर्शन व राजनीति जैसे अंतर्विषयक यह कार्यक्रम सभी के ज्ञान के दायरे को विस्तृत करता है।
मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ़ कॉलेजेज़ प्रो बलराम पाणि को आमंत्रित किया गया था।उन्होंने कहा की शिक्षा के द्वारा किसी व्यक्ति के व्यवहार,चरित्र और ज्ञान को नई दिशा दी जा सकती है।हम इस तरह के कार्यक्रमों की सहायता से हम अपने शिक्षकों को समृद्ध करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भावना, कल्पना और साधना के द्वारा न केवल हम अच्छे शिक्षक बन सकते हैं अपितु एक अच्छे शोधवेता भी बन सकते हैं।अंत में कार्यक्रम के संयोजक डॉ.आलोक रंजन पांडेय ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने आगे कहा कि यह संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम भले ही चार महाविद्यालय मिलकर कर रहा है लेकिन गरिमा जैन, कोयल विश्वास शिवानी मैम, राजीव नयन और अनुराग सिंह जी के साथ तालमेल इतना अच्छा रहा कि तनिक यह नहीं लगा कि यह कार्यक्रम आभासी पटल पर हो रहा है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का भी विशेष धन्यवाद दिया।डॉ.शिवानी जॉर्ज इस सत्र का संचालन कर रही थीं।
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