Skip to main content

"आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी भारत और वैश्विक कल्याण के लिए IISF है एक सफल प्रयास" - अश्वनी चौबे


आत्मनिर्भर भारत, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा बनाई गई एक नीति है, जो भारत को "वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा" बनाने के लिए है, जो कुशल, प्रतिस्पर्धी और प्रतिस्पर्धी नीतियों का अनुसरण करती है। आत्मानिभर भारत का अर्थ "आत्म-नियंत्रण", "दुनिया से अलग-थलग" या "संरक्षणवादी" होना नहीं है। इसका पहला उल्लेख 12 मई 2020 को भारत के COVID-19 महामारी से संबंधित आर्थिक पैकेज की घोषणा के दौरान आया। 

विज्ञान महोत्सव IISF 2020 की शुरुआत गणेश वंदना के साथ हुई, जिसे कार्यक्रम संचालिका डॉ. रूबी मिश्रा ने प्रस्तुत किया और कार्यक्रम का वर्चुअल दीप प्रज्ज्वलन किया गया। माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा जी (रसायन और उर्वरक मंत्री भारत सरकार)
द्वारा उद्घाटन भाषण एवं कार्यक्रम से संबंधित संदेश दिया गया । 


इसके बाद माननीय केन्द्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन जी (केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार) द्वारा वर्चुअल संदेश जारी किया गया तथा विशिष्ट अतिथि माननीय केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे जी (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारत सरकार) द्वारा प्रतिभागियों के बीच अपना उद्बोधन दिया गया। माननीय मंत्री जी ने कहा कि
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भू विज्ञान मंत्रालय और विज्ञान-भारती (VIBHA) की एक पहल है जो वर्ष 2015 में शुरू हुई थी। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को, उनकी वैज्ञानिक समझ व स्वभाव में सुधार करने के लिए तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में विभिन्न भारतीय उपलब्धियों के लिए सराहना करने के उद्देश्य से उन्हें शामिल करना है। यह ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान के लिए युवा वैज्ञानिकों, छात्रों, टेक्नोक्रेट और क्षेत्र आधारित विकासात्मक एजेंसियों के लिए एक मंच प्रदान करता है। IISF सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी और आत्मनिर्भर-अभियान  का समर्थन करता है।

डॉ. सुनील के. अग्रवाल जी द्वारा सभी उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत किया गया। डॉ. कनिका मलिक (CSIR-NISCAIR परियोजना सह समन्वयक) ने इस आयोजन के सभी वक्ताओं का प्रतिभागियों के साथ परिचय कराया, जिसमें श्री जयंत सहस्रबुद्धे (राष्ट्रीय महामंत्री , विज्ञान भारती), डॉ शेखर सी मंडे (महानिदेशक, सीएसआईआर, दिल्ली), डॉ. वी.के. सारस्वत (सदस्य, नीतीयोग, दिल्ली), पद्म भूषण डॉ अनिल पी. जोशी (संस्थापक, HESCO, देहरादून), प्रो. एस ए रामकृष्ण (निदेशक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) उपस्थित रहे और इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। अंत में, डॉ. राहुल सिंघल ने वोट ऑफ़ थैंक्स दिया, जिसके बाद डॉ रूबी मिश्रा द्वारा शांति मंत्र प्रस्तुत किया गया। 

Comments

Popular posts from this blog

कालिंदी कॉलेज में हुआ वार्षिक खेलोत्सव का आयोजन

दिनांक 23अपैल 2025 को कालिंदी कॉलेज ,दिल्ली विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स ग्राउंड में खेल दिवस का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 8:30 बजे एथलीटों की सभा के साथ हुआ। इसके पश्चात कॉलेज की प्राचार्य प्रो. मीरा चारांदा, डॉ. राखी चौहान,विभाग की प्रभारी डॉ. सुधा पांडेय, डॉ. सुनीता शर्मा आदि के साथ खेल में उत्कृष्ट छात्राओं के साथ मशाल जलाकर खेल भावना का संदेश दिया गया। खिलाड़ियों ने खेलों में निष्पक्षता और उत्साह के साथ भाग लेने की शपथ ली। तत्पश्चात  विभिन्न रोमांचक प्रतियोगिताओं की श्रृंखला आरंभ हुई । स्पोर्ट्स की छात्राओं और अन्य छात्राओं के लिए तीन टांगों वाली दौड़ , पिट्टू दौड़,रस्साकशी , प्रतियोगिता कराई गई जिसमें टीम भावना और शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में फीजिकल एजूकेशन, डीयू की विभागाध्यक्षा प्रो. सरिता त्यागी उपस्थित रहीं । उन्होंने अपने प्रेरक उद्बोधन से छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि अब जीवन में यश और पैसा कमाने का अवसर जितना शिक्षा में है उतना ही अवसर खेल में अव्वल रहकर प्राप्त हो सकता है।  ...

डॉ. अमिता दुबे, प्रधान संपादक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा लिखित 'सृजन को नमन' पुस्तक पर देश के विद्वानों ने की चर्चा

विश्व हिंदी संगठन से समन्वित सहचर हिंदी संगठन, नई दिल्ली (पंजी.) द्वारा हर महीने पुस्तक परिचर्चा कार्यक्रम के तहत डॉ. अमिता दुबे द्वारा लिखित पुस्तक सृजन को नमन पर लाइव ऑनलाइन परिचर्चा हुई, जिसमें देश भर के साहित्यकारों ने जुड़कर विद्वानों को सुना। इस पुस्तक के लेखक डॉ. अमिता दुबे जी ने बताया कि मूलत: वे स्वाभवत: कहानीकार हैं परंतु विद्यावाचस्पति की अध्ययन के दौरान उनकी रुचि आलोचना की ओर प्रवृत्त हुआ। उन्होंने आगे बताया कि किस तरह इस पुस्तक को लिखा। इसमें उन्होंने अपने जीवनानुभवों को भी व्यक्त किया है।  कार्यक्रम में राजस्थान से जुड़ी डॉ.बबीता काजल ने यह पुस्तक में लिखे शोध आलेख हैं । जो शोधार्थियों और साहित्यानुरागी के हेतु अत्यंत उपयोगी होगी । सामाजिक परिवेश अत्यंत महत्वर्पूण होता है जहाँ रचनाकार को लेखन के बीज मिलते हैं। चिट्ठियों की दुनिया में राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुए वार्तालाप को कविता के रूप में रचा है जो अपने आप में एक अलग क्षितिज को दिखाता है। पुस्तक में हिंदी प्रचार एवं महत्व को उल्लेखित किया गया, देवनागरी लिपि की विशेषता का उल्लेख ध्वनि वैज्ञानिक दृष्...

इन्विटेशनल इंटर कॉलेज बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कालिंदी कॉलेज को मिला प्रथम स्थान

दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज में कल से शुरू हुए खेल प्रतियोगिता में डीयू के लगभग 15 से ज्यादा कॉलेज की लगभग 200 छात्राओं ने बॉक्सिंग, कबड्डी और वॉलीबॉल में अपने हुनर से सभी का दिल जीत लिया। विदित है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज में पहली बार बॉक्सिंग का इंविटेशनल अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता हुआ जिसमें गार्गी कॉलेज, मिरांडा हाउस, लेडी श्रीराम कॉलेज ऑफ वूमेन कॉलेज, अदिति कॉलेज, जानकी देवी महाविद्यालय, शहीद राजगुरु कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, कालिंदी कॉलेज आदि के 40 से ज्यादा छात्राओं ने विभिन्न वेट कैटेगरी में हिस्सा लेकर अपने जोश और हुनर का परिचय दिया। बॉक्सिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कालिंदी कॉलेज, द्वितीय स्थान लक्ष्मी बाई कॉलेज तो लेडी श्रीराम कॉलेज को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इसी तरह कबड्डी में अदिति महाविद्यालय को प्रथम , कालिंदी को द्वितीय और लक्ष्मी बाई कॉलेज को तृतीय तो वॉलीबॉल में गार्गी कॉलेज को प्रथम, कालिंदी कॉलेज को द्वितीय और लेडी श्रीराम कॉलेज को तृतीय स्थान मिला। इस प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कबड्...