कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मोतीलाल वोरा का सोमवार शाम निधन हो गया। वह अक्टूबर से ही कोरोना वायरस की चपेट में थे। उन्होंने 93 साल की उम्र में दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली।
राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट कर कहा कि " वोरा जी सच्चे कांग्रेसी और एक बेहतरीन इंसान थे । हमें उनकी कमी बहुत महसूस होगी। उनके परिवार व मित्रों के प्रति मेरा स्नेह एवं संवेदना है।" पीएम मोदी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
वोरा 1970 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। राजनीति में उन्हें 50 वर्ष से अधिक का समय हो चुका था। वह इंदिरा गांधी के समय में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके थे। राजीव गांधी के समय में भी उन्हें वरिष्ठ राजनीतिक और राज्यसभा से कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था।
मोतीलाल वोरा गांधी परिवार के करीबी रहे। उन्होंने 2000 के बाद खजांची के पद को भी संभाला। सोनिया गांधी के नेतृत्व में उन्हें कांग्रेस का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया। बाद में वह सोनिया गांधी के निजी सलाहकार भी रहे। वह हमेशा ही राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद पर देखने कि इच्छा जताते रहे।
उनके परिवार में उनके बाद चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनके बेटे भी राजनीति में हैं। कांग्रेस के सबसे वफादार और वरिष्ठ नेता के रूप में मोतीलाल वोरा हमेशा याद किए जाएंगे। उनका जाना भारतीय राजनीति के लिए भारी क्षति है।
(रिपोर्ट - श्रद्धा वर्मा)
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