Skip to main content

जातिगत असामनता के साथ कोई राष्ट्र आत्मनिर्भर नहीं हो सकता : प्रो. श्यौराज सिंह


मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पंडित मदनमोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन, शिक्षण अध्ययन केंद्र, रामानुजन कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज,दिल्ली विश्वविद्यालय,आरमापुर पी.जी. कॉलेज, कानपुर और माउंट कार्मेल कॉलेज, बेंगलुरु के संयुक्त तत्वावधान में पाक्षिक संकाय समवर्धन कार्यक्रम के चौथे दिन के प्रथम सत्र में पुस्तकालय कार्यक्रम का आयोजन हुआ । कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. श्यौराज सिंह जी आमंत्रित रहे । उन्होंने 'हाशिए का साहित्य: दार्शनिक और राजनैतिक वैचारिकी' विषय सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने हाशिए के समाज का परिचय देते हुए उसकी सामाजिक स्थिति का वर्णन किया । हाशिए के समाज की ऐसी स्थिति के कारणों को व्याख्यायित करते हुए उसके दर्द को बयां किया । हाशिए के समाज की वैचारिकता पर अपना दृष्टिकोण प्रतिभागियों के समक्ष स्पष्ट किया। उन्होंने इस समाज की दार्शनिक और राजनैतिक वैचारिकी उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट की । उन्होंने हाशिए के समाज के अंतर्गत सभी विमर्शों का उल्लेख किया । हाशिए के समाज को अभी और अधिकार और अपनापन की जरुरत है, इसकी ओर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने बताया कि  कोई भी  राष्ट्र आत्मनिर्भर केवल कल- कारखानों से नहीं हो सकता। आत्मनिर्भरता समाज में फैले हुए जाति व्यस्था को समाप्त करके प्राप्त की जा सकती है।इसी संदर्भ में उन्होंने स्वामी अछूतानंद, बाबू मंगूराम मुंगोवालिया, रामदयाल मुण्डा, डाॅ. अंबेडकर, ज्योतिबा फुले आदि विचारकों के विचारों को उन्होंने उद्घाटित किया तथा हाशिए के समाज की दिशा स्पष्ट की। कार्यक्रम के तृतीय सत्र में रामानुजन महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डाॅ. निखिल राजपूत जी आमंत्रित रहे। उन्होंने  'गूगल डाक और गूगल साइट्स' विषय  पर प्रयोगात्मक व्याख्यान प्रस्तुत किया । उन्होंने incognito window का उपयोग सभी प्रतिभागियों को सिखाया। गूगल डॉक में उन्होंने वाइस टाइपिंग एवं ट्रांसलेशन ऑप्शन का प्रयोग और उपयोगिता प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया। गूगल डॉक के साथ ही उन्होंने गूगल साइट्स और उसके सभी उपयोगी विकल्पों से भी सभी प्रतिभागियों को परिचित करवाया।

(रिपोर्ट) 


Comments

Popular posts from this blog

डॉ. अमिता दुबे, प्रधान संपादक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा लिखित 'सृजन को नमन' पुस्तक पर देश के विद्वानों ने की चर्चा

विश्व हिंदी संगठन से समन्वित सहचर हिंदी संगठन, नई दिल्ली (पंजी.) द्वारा हर महीने पुस्तक परिचर्चा कार्यक्रम के तहत डॉ. अमिता दुबे द्वारा लिखित पुस्तक सृजन को नमन पर लाइव ऑनलाइन परिचर्चा हुई, जिसमें देश भर के साहित्यकारों ने जुड़कर विद्वानों को सुना। इस पुस्तक के लेखक डॉ. अमिता दुबे जी ने बताया कि मूलत: वे स्वाभवत: कहानीकार हैं परंतु विद्यावाचस्पति की अध्ययन के दौरान उनकी रुचि आलोचना की ओर प्रवृत्त हुआ। उन्होंने आगे बताया कि किस तरह इस पुस्तक को लिखा। इसमें उन्होंने अपने जीवनानुभवों को भी व्यक्त किया है।  कार्यक्रम में राजस्थान से जुड़ी डॉ.बबीता काजल ने यह पुस्तक में लिखे शोध आलेख हैं । जो शोधार्थियों और साहित्यानुरागी के हेतु अत्यंत उपयोगी होगी । सामाजिक परिवेश अत्यंत महत्वर्पूण होता है जहाँ रचनाकार को लेखन के बीज मिलते हैं। चिट्ठियों की दुनिया में राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुए वार्तालाप को कविता के रूप में रचा है जो अपने आप में एक अलग क्षितिज को दिखाता है। पुस्तक में हिंदी प्रचार एवं महत्व को उल्लेखित किया गया, देवनागरी लिपि की विशेषता का उल्लेख ध्वनि वैज्ञानिक दृष्...

कालिंदी कॉलेज में हुआ वार्षिक खेलोत्सव का आयोजन

दिनांक 23अपैल 2025 को कालिंदी कॉलेज ,दिल्ली विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स ग्राउंड में खेल दिवस का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 8:30 बजे एथलीटों की सभा के साथ हुआ। इसके पश्चात कॉलेज की प्राचार्य प्रो. मीरा चारांदा, डॉ. राखी चौहान,विभाग की प्रभारी डॉ. सुधा पांडेय, डॉ. सुनीता शर्मा आदि के साथ खेल में उत्कृष्ट छात्राओं के साथ मशाल जलाकर खेल भावना का संदेश दिया गया। खिलाड़ियों ने खेलों में निष्पक्षता और उत्साह के साथ भाग लेने की शपथ ली। तत्पश्चात  विभिन्न रोमांचक प्रतियोगिताओं की श्रृंखला आरंभ हुई । स्पोर्ट्स की छात्राओं और अन्य छात्राओं के लिए तीन टांगों वाली दौड़ , पिट्टू दौड़,रस्साकशी , प्रतियोगिता कराई गई जिसमें टीम भावना और शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में फीजिकल एजूकेशन, डीयू की विभागाध्यक्षा प्रो. सरिता त्यागी उपस्थित रहीं । उन्होंने अपने प्रेरक उद्बोधन से छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि अब जीवन में यश और पैसा कमाने का अवसर जितना शिक्षा में है उतना ही अवसर खेल में अव्वल रहकर प्राप्त हो सकता है।  ...

इन्विटेशनल इंटर कॉलेज बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कालिंदी कॉलेज को मिला प्रथम स्थान

दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज में कल से शुरू हुए खेल प्रतियोगिता में डीयू के लगभग 15 से ज्यादा कॉलेज की लगभग 200 छात्राओं ने बॉक्सिंग, कबड्डी और वॉलीबॉल में अपने हुनर से सभी का दिल जीत लिया। विदित है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज में पहली बार बॉक्सिंग का इंविटेशनल अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता हुआ जिसमें गार्गी कॉलेज, मिरांडा हाउस, लेडी श्रीराम कॉलेज ऑफ वूमेन कॉलेज, अदिति कॉलेज, जानकी देवी महाविद्यालय, शहीद राजगुरु कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, कालिंदी कॉलेज आदि के 40 से ज्यादा छात्राओं ने विभिन्न वेट कैटेगरी में हिस्सा लेकर अपने जोश और हुनर का परिचय दिया। बॉक्सिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कालिंदी कॉलेज, द्वितीय स्थान लक्ष्मी बाई कॉलेज तो लेडी श्रीराम कॉलेज को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इसी तरह कबड्डी में अदिति महाविद्यालय को प्रथम , कालिंदी को द्वितीय और लक्ष्मी बाई कॉलेज को तृतीय तो वॉलीबॉल में गार्गी कॉलेज को प्रथम, कालिंदी कॉलेज को द्वितीय और लेडी श्रीराम कॉलेज को तृतीय स्थान मिला। इस प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कबड्...