कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की और कहा कि किसानों को आंदोलन का हक है, लेकिन किसी शहर को बंद करना उचित नही।
'किसानों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए'
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम आप (किसानों) को प्रदर्शन से नहीं रोक रहे हैं, प्रदर्शन करिए, लेकिन प्रदर्शन का एक मकसद होता है। आप सिर्फ धरना पर नहीं बैठक सकते है। बातचीत भी करनी चाहिए और बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमें भी किसानों से हमदर्दी है, हम केवल यह चाहते हैं कि कोई सर्वमान्य समाधान निकले।
किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई टली
सुनवाई के दौरान कोर्ट में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो किसानों से बात करके ही अपना फैसला सुनाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में सर्दियों की छुट्टी हो रही है, ऐसे में अब मामले की सुनवाई वैकेशन बेंच करेगी।
कोरोना फैलने का बड़ा खतरा
सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, 'प्रदर्शन में मौजूद किसानों में से कोई भी फेस मास्क नहीं पहनता है, वे बड़ी संख्या में एक साथ बैठते हैं। कोविड-19 एक चिंता का विषय है। किसान यहां से गांव जाएंगे और वहां कोरोना फैलाएंगे। किसान दूसरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते'।
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