Skip to main content

भगवान श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए उठाया था गोवर्धन पर्वत, पढ़ें पौराणिक कथा


दिवाली के अगले दिन यानी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का पावन पर्व मनाया जाता है।  इस पावन दिन भगवान श्रीकृष्ण,  गोवर्धन और गायों की पूजा का विशेष महत्व होता है। गोवर्धन पूजा के दिन लोग घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं और परिक्रमा लगाते हैं। इस दिन भगवान को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है, जिस वजह से गोवर्धन पूजा को ‘अन्नकूट पूजा’ भी कहा जाता है।

गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा है की एक बार श्री कृष्ण ने देखा कि सभी बृजवासी इंद्र देव की पूजा कर रहे थे। जब उन्होंने अपनी माता को भी इंद्र की पूजा करते हुए देखा तो सवाल किया कि लोग इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? उन्हें बताया गया कि वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती और हमारी गायों को चारा मिलता है। तब श्री कृष्ण ने कहा ऐसा है तो सबको गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गायें तो वहीं चरती हैं।

उनकी बात मान कर सभी ब्रजवासी इंद्र देव की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। देवराज इन्द्र ने इसे अपना अपमान समझा और प्रलय के समान मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा कर ब्रजवासियों की भारी बारिश से रक्षा की थी। इसके बाद इंद्र देव को पता लगा कि श्री कृष्ण वास्तव में विष्णु के अवतार हैं और अपनी भूल का एहसास हुआ। बाद में इंद्र देवता को भी भगवान कृष्ण से समक्ष क्षमा याचना करनी पड़ी। इन्द्रदेव की याचना पर भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और सभी ब्रजवासियों से कहा कि अब वे हर साल गोवर्धन की पूजा कर अन्नकूट पर्व मनाए। तब से ही यह पर्व गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है।

                           ~ नीलाक्ष वत्स

Comments

Popular posts from this blog

डॉ. अमिता दुबे, प्रधान संपादक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा लिखित 'सृजन को नमन' पुस्तक पर देश के विद्वानों ने की चर्चा

विश्व हिंदी संगठन से समन्वित सहचर हिंदी संगठन, नई दिल्ली (पंजी.) द्वारा हर महीने पुस्तक परिचर्चा कार्यक्रम के तहत डॉ. अमिता दुबे द्वारा लिखित पुस्तक सृजन को नमन पर लाइव ऑनलाइन परिचर्चा हुई, जिसमें देश भर के साहित्यकारों ने जुड़कर विद्वानों को सुना। इस पुस्तक के लेखक डॉ. अमिता दुबे जी ने बताया कि मूलत: वे स्वाभवत: कहानीकार हैं परंतु विद्यावाचस्पति की अध्ययन के दौरान उनकी रुचि आलोचना की ओर प्रवृत्त हुआ। उन्होंने आगे बताया कि किस तरह इस पुस्तक को लिखा। इसमें उन्होंने अपने जीवनानुभवों को भी व्यक्त किया है।  कार्यक्रम में राजस्थान से जुड़ी डॉ.बबीता काजल ने यह पुस्तक में लिखे शोध आलेख हैं । जो शोधार्थियों और साहित्यानुरागी के हेतु अत्यंत उपयोगी होगी । सामाजिक परिवेश अत्यंत महत्वर्पूण होता है जहाँ रचनाकार को लेखन के बीज मिलते हैं। चिट्ठियों की दुनिया में राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुए वार्तालाप को कविता के रूप में रचा है जो अपने आप में एक अलग क्षितिज को दिखाता है। पुस्तक में हिंदी प्रचार एवं महत्व को उल्लेखित किया गया, देवनागरी लिपि की विशेषता का उल्लेख ध्वनि वैज्ञानिक दृष्...

कालिंदी कॉलेज में हुआ वार्षिक खेलोत्सव का आयोजन

दिनांक 23अपैल 2025 को कालिंदी कॉलेज ,दिल्ली विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स ग्राउंड में खेल दिवस का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 8:30 बजे एथलीटों की सभा के साथ हुआ। इसके पश्चात कॉलेज की प्राचार्य प्रो. मीरा चारांदा, डॉ. राखी चौहान,विभाग की प्रभारी डॉ. सुधा पांडेय, डॉ. सुनीता शर्मा आदि के साथ खेल में उत्कृष्ट छात्राओं के साथ मशाल जलाकर खेल भावना का संदेश दिया गया। खिलाड़ियों ने खेलों में निष्पक्षता और उत्साह के साथ भाग लेने की शपथ ली। तत्पश्चात  विभिन्न रोमांचक प्रतियोगिताओं की श्रृंखला आरंभ हुई । स्पोर्ट्स की छात्राओं और अन्य छात्राओं के लिए तीन टांगों वाली दौड़ , पिट्टू दौड़,रस्साकशी , प्रतियोगिता कराई गई जिसमें टीम भावना और शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में फीजिकल एजूकेशन, डीयू की विभागाध्यक्षा प्रो. सरिता त्यागी उपस्थित रहीं । उन्होंने अपने प्रेरक उद्बोधन से छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि अब जीवन में यश और पैसा कमाने का अवसर जितना शिक्षा में है उतना ही अवसर खेल में अव्वल रहकर प्राप्त हो सकता है।  ...

इन्विटेशनल इंटर कॉलेज बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कालिंदी कॉलेज को मिला प्रथम स्थान

दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज में कल से शुरू हुए खेल प्रतियोगिता में डीयू के लगभग 15 से ज्यादा कॉलेज की लगभग 200 छात्राओं ने बॉक्सिंग, कबड्डी और वॉलीबॉल में अपने हुनर से सभी का दिल जीत लिया। विदित है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज में पहली बार बॉक्सिंग का इंविटेशनल अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता हुआ जिसमें गार्गी कॉलेज, मिरांडा हाउस, लेडी श्रीराम कॉलेज ऑफ वूमेन कॉलेज, अदिति कॉलेज, जानकी देवी महाविद्यालय, शहीद राजगुरु कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, कालिंदी कॉलेज आदि के 40 से ज्यादा छात्राओं ने विभिन्न वेट कैटेगरी में हिस्सा लेकर अपने जोश और हुनर का परिचय दिया। बॉक्सिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कालिंदी कॉलेज, द्वितीय स्थान लक्ष्मी बाई कॉलेज तो लेडी श्रीराम कॉलेज को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इसी तरह कबड्डी में अदिति महाविद्यालय को प्रथम , कालिंदी को द्वितीय और लक्ष्मी बाई कॉलेज को तृतीय तो वॉलीबॉल में गार्गी कॉलेज को प्रथम, कालिंदी कॉलेज को द्वितीय और लेडी श्रीराम कॉलेज को तृतीय स्थान मिला। इस प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कबड्...