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भिंड में डकैतों का बनेगा संग्रहालय, यहां आकर लोग जानेंगे फूलन देवी और मोहर सिंह की कहानी


भिंड पुलिस ने एक अनोखी पहली शुरू की है। चंबल कुख्यात दस्युओं सरगनाओं का ठिकाना रहा है। ज्यादातर कुख्यात डकैत मुख्याधारा में वापस लौट आए हैं। तो कइयों का पुलिस ने खात्मा कर दिया है। अब यह पूरी कहानी एक संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगी।

पुलिस ने अपराध की दुनिया में कदम रखने वालों को सबक और संदेश देने के लिए एक नई पहल शुरू की है। चंबल में बागी दस्युओं के खात्मे और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटाने की कहानी को पुलिस संग्रहालय के माध्यम से बताने तैयारी कर रही है। कुख्यात दस्यु रहे मोहर सिंह के कर्म क्षेत्र मेहगांव में ब्रिटिश काल के पुराने थाने की बिल्डिंग का भी चयन कर लिया गया है।

दरअसल, चंबल में डकैतों का आतंक खत्म होने के बाद अब भिंड पुलिस डकैतों का एक संग्रहालय बनाने जा रही है। इसका उद्देश्य अपराधों की दुनिया में कदम रखने वालों को सबक सिखाने और संदेश देने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए पुलिस ने मेहगांव में एक पुराने थाने का चयन किया है। यह थाना ब्रिटिश काल के दौर में बनाया गया था। इस थाना भवन को हेरिटेज लुक में सजाया-संवारा जाएगा।

इस संग्रहालय में वर्ष 1960 से लेकर 2011 तक चंबल इलाके में सक्रिय रहे दस्युओं की पूरी हिस्ट्रीशीट, फोटो, गिरोह के सदस्यों की पूरी जानकारी और उनके अंत तक की पूरी कहानी बताई जाएगी। उनके हथियारों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही उन बलिदानी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों में किस्से भी बताए जाएंगे। जिन्होंने खुद को आगे कर इनकी गोलियों का सामना किया।

संग्रहालय निर्माण के लिए राशि जनभागीदारी और पुलिस फंड से जुटाई जाएगी। चंबल में 1980 से लेकर 90 तक कई दस्युओं ने आत्मसमर्पण किया था। इनमें फूलन देवी, घंसा बाबा, मोहर सिंह, माधो सिंह प्रमुख डकैत थे। समर्पण के बाद इन दस्युओं ने सजा भी काटी और रिहा होने के बाद समाज की मुख्यधारा में लौटे।

(रिपोर्ट - नीलाक्ष वत्स)

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